Shiv Mahapurana: A Brief Introduction
Amongst several Hindu ancient scriptures, Shiv Purana has its eminent place. The holy scripture provides a detail account of different forms of Shiva, his miraculous deeds, Shiva Parvati sacred matrimony, the birth of their son Kartikeya and varied ways of Shiva worship. Apart from the records of numerous Shiva Leela, the scripture offers an insight on various methods of Puja and wise teachings. It is believed that the original Shiv Purana had 1lakh verses, however, Maharshi Ved Vyas summarized the scripture in 24 thousand verses.
Shiv Purana is divided in 7 parts:
- Vidveshwar Samhita
- Rudra Samhita
- Kotirudra Samhita
- Shatrudra Samhita
- Uma Samhita
- Kailasa Samhita
- Vayu Samhita
Shiv Purana give the details of 10 incarnations of Lord Shiva. The ritual recital of this sacred purana takes 11 days to complete. According to Hindu scriptures, those who listen to the Shiv Purana fervently enjoy all the pleasures in the earthly life and attain moksha as well.
If you wish to invite Acharya Kandpal Ji for the recital Shiv Mahapurana and and performance of Yagya for some noble cause, kindly contact on the given numbers.
शिव महापुराण पुराण-संक्षिप्त परिचय
हिंदू पौराणिक ग्रन्थों में शिवपुराण एक सुप्रसिद्ध पुराण हैं जिसमे भगवान् शिव के विभिन्न कल्याणकारी स्वरूपों, भगवान शिव की महिमा, शिव-पार्वती विवाह, कार्तिकेय जन्म और शिव उपासना का विस्तृत में वर्णन किया गया है. भगवान् शिव की लीलाओं एवं कथाओं के अतिरिक्त इस पुराण में विभिन् प्रकार की पूजा पद्यतियों और ज्ञानप्रद शिक्षाओं का उल्लेख भी किया गया है. वैसे तो यह माना जाता है कि मूल शिवमहापुराण में श्लोकों की संख्या १ लाख थी लेकिन महर्षि वेद व्यास जी ने इसको २४ हजार श्लोकों में संक्षिप्त कर दिया.
शिव महापुराण ७ सहिताओं में विभाजित है.
- विद्येश्वर संहिता
- रुद्र संहिता
- शतरुद्र संहिता
- कोटिरुद्र संहिता
- उमा संहिता
- कैलास संहिता
- वायु संहिता
शिवपुराण महापुराण में भगवान् शिव के दश प्रमुख अवतारों के बारे में बताया गया है. शिव महापुराण कथा अनुष्ठान ११ दिन में सम्पन होता है ।
शास्त्रों और पुराणों के अनुसार जो भी मनुष्य श्रद्धा और सच्चे मन से शिवमहापुराण कथा का श्रवण करता है उसको संसार के सब प्रकार के भोग प्राप्त होते हैं और अन्त में वो मोक्ष और भगवान् शिव के परम पद को प्राप्त करता है ।
अगर आप आचार्य श्री विपिन कृष्ण काण्डपाल जी के मुखारविंद से श्री शिव महापुराण कथा का अनुष्ठान करवाना चाहते हैं तो आप इस वेबसाइट पर दिए गये टेलीफोन/मोबइल नंबर पर संपर्क कर सकते हैं ।